अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस को 20 वर्ष पूरे हो गए हैं. इस वर्ष युवा दिवस पर शिक्षा का स्वरूप पूरी तरह से बदलने की थीम रेखांकित की जा रही है ताकि शिक्षा को मौजूदा विश्व के लिए ज़्यादा समावेशी, सुलभ और प्रासंगिक बनाया जा सके.
हम सीखने की प्रक्रिया में एक संकट का सामना कर रहे हैं. अक्सर स्कूल, युवाओं को ऐसे कौशल नहीं सिखा पा रहे हैं जिनसे तकनीकी क्रांति के दौर में वो अपना रास्ता बना सकें. छात्रों के लिए सिर्फ़ सीखना ही ज़रूरी नहीं है, बल्कि किस तरह सीखा जाए, यह जानना भी आवश्यक है.
आज शिक्षा में ज्ञान, हुनर और विवेचनात्मक विचारशीलता का मिश्रण होना चाहिए. उसमें सततता और जलवायु परिवर्तन पर जानकारी होनी चाहिए, और उससे लैंगिक समानता, मानवाधिकार व शांति की संस्कृति को बढ़ावा मिलना चाहिए.
ये सभी बिंदु ‘यूथ 2030’ में शामिल किए गए हैं, जो युवाओं के साथ संपर्क बढ़ाने और उनके अधिकारों को वास्तविक बनाने में समर्थन देने के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक रणनीति है.
आज का दिन हम उन युवाओं, युवाओं के नेतृत्व वाले संगठनों, सरकारों और उन तमाम लोगों के नाम करते हैं जो हर जगह शिक्षा की कायापलट करने और युवाओं के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं.
हम सीखने की प्रक्रिया में एक संकट का सामना कर रहे हैं. अक्सर स्कूल, युवाओं को ऐसे कौशल नहीं सिखा पा रहे हैं जिनसे तकनीकी क्रांति के दौर में वो अपना रास्ता बना सकें. छात्रों के लिए सिर्फ़ सीखना ही ज़रूरी नहीं है, बल्कि किस तरह सीखा जाए, यह जानना भी आवश्यक है.
आज शिक्षा में ज्ञान, हुनर और विवेचनात्मक विचारशीलता का मिश्रण होना चाहिए. उसमें सततता और जलवायु परिवर्तन पर जानकारी होनी चाहिए, और उससे लैंगिक समानता, मानवाधिकार व शांति की संस्कृति को बढ़ावा मिलना चाहिए.
ये सभी बिंदु ‘यूथ 2030’ में शामिल किए गए हैं, जो युवाओं के साथ संपर्क बढ़ाने और उनके अधिकारों को वास्तविक बनाने में समर्थन देने के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक रणनीति है.
आज का दिन हम उन युवाओं, युवाओं के नेतृत्व वाले संगठनों, सरकारों और उन तमाम लोगों के नाम करते हैं जो हर जगह शिक्षा की कायापलट करने और युवाओं के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं.
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