विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2019 पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव, एंतोनियो गुटेरेश का वीडियो संदेश.
शान्ति, न्याय, टिकाऊ विकास और मानवाधिकारों के लिए एक स्वतंत्र प्रेस बहुत ज़रूरी है.
पारदर्शी और विश्वसनीय सूचना की उपलब्धता के बिना कोई भी लोकतंत्र सम्पूर्ण नहीं है. निष्पक्ष और भेदभाव रहित संस्थान बनाने, नेताओं की जवाबदेही निर्धारित करने और सत्ता केन्द्रों के सामने सत्य बोलने के लिए स्वतंत्र प्रेस एक आधारशिला है.
ख़ासतौर पर चुनावों के दौरान ऐसा सच नज़र आता है – जोकि इस वर्ष के विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का मुख्य विषय है.
चुनावों में लोग जब अपने प्रतिनिधियों को चुनें तो उन्हें फ़ैसला लेने में झूठ नहीं बल्कि तथ्य राह दिखाएँ.
चूँकि टैक्नोलॉजी ने सूचना प्राप्त करने और शेयर करने के तरीक़े ही बदल दिए हैं तो कभी-कभी जनमत को भटकाने या फिर नफ़रत और हिंसा भड़काने के लिए भी टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है.
दुनिया भर में स्वतंत्र नागरिकों का निजी दायरा बहुत चिन्ताजनक रफ़्तार से सिमट रहा है.
मीडिया विरोधी भड़काऊ माहौल भी तेज़ी से बढ़ रहा है, तो ऐसे में पत्रकारों के ख़िलाफ़ हिंसा और प्रताड़ना का माहौल भी बढ़ रहा है, यहाँ तक कि महिलाओं को भी निशाना बनाया जा रहा है.
पत्रकारों पर बढ़ते हमलों में बढ़ोत्तरी, और हमलावरों में क़ानून का कोई डर नहीं होने का माहौल मुझे बहुत परेशान करता है.
यूनेस्को के मुताबिक़ - 2018 में लगभग 100 पत्रकारों की हत्याएँ हुईं. सैकड़ों अन्य को जेलों में डाला गया है.
जब मीडियाकर्मियों को निशाना बनाया जाता है तो पूरे समाजों को इसकी भारी क़ीमत चुकानी पड़ती है.
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर, मैं पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा करने का आहवान करता हूँ, जिनके प्रयासों की बदौलत हम सभी को एक बेहतर दुनिया बनाने में मदद मिलती है.
धन्यवाद
शान्ति, न्याय, टिकाऊ विकास और मानवाधिकारों के लिए एक स्वतंत्र प्रेस बहुत ज़रूरी है.
पारदर्शी और विश्वसनीय सूचना की उपलब्धता के बिना कोई भी लोकतंत्र सम्पूर्ण नहीं है. निष्पक्ष और भेदभाव रहित संस्थान बनाने, नेताओं की जवाबदेही निर्धारित करने और सत्ता केन्द्रों के सामने सत्य बोलने के लिए स्वतंत्र प्रेस एक आधारशिला है.
ख़ासतौर पर चुनावों के दौरान ऐसा सच नज़र आता है – जोकि इस वर्ष के विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का मुख्य विषय है.
चुनावों में लोग जब अपने प्रतिनिधियों को चुनें तो उन्हें फ़ैसला लेने में झूठ नहीं बल्कि तथ्य राह दिखाएँ.
चूँकि टैक्नोलॉजी ने सूचना प्राप्त करने और शेयर करने के तरीक़े ही बदल दिए हैं तो कभी-कभी जनमत को भटकाने या फिर नफ़रत और हिंसा भड़काने के लिए भी टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है.
दुनिया भर में स्वतंत्र नागरिकों का निजी दायरा बहुत चिन्ताजनक रफ़्तार से सिमट रहा है.
मीडिया विरोधी भड़काऊ माहौल भी तेज़ी से बढ़ रहा है, तो ऐसे में पत्रकारों के ख़िलाफ़ हिंसा और प्रताड़ना का माहौल भी बढ़ रहा है, यहाँ तक कि महिलाओं को भी निशाना बनाया जा रहा है.
पत्रकारों पर बढ़ते हमलों में बढ़ोत्तरी, और हमलावरों में क़ानून का कोई डर नहीं होने का माहौल मुझे बहुत परेशान करता है.
यूनेस्को के मुताबिक़ - 2018 में लगभग 100 पत्रकारों की हत्याएँ हुईं. सैकड़ों अन्य को जेलों में डाला गया है.
जब मीडियाकर्मियों को निशाना बनाया जाता है तो पूरे समाजों को इसकी भारी क़ीमत चुकानी पड़ती है.
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर, मैं पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा करने का आहवान करता हूँ, जिनके प्रयासों की बदौलत हम सभी को एक बेहतर दुनिया बनाने में मदद मिलती है.
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